IMD Recent Monsoon Alert : भीषण मानसून की दस्तक! भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने 1 जून 2025 को जारी प्रेस रिलीज़ में स्पष्ट किया है कि 02 जून से 04 जून 2025 तक देश के विभिन्न हिस्सों में भारी से अत्यधिक भारी बारिश, गरज-चमक और तेज हवाओं की संभावना है। नागरिकों से विनती की गई है कि वे आवश्यक सावधानी बरतें, आपात स्थिति के लिए तैयार रहें और सरकारी निर्देशों का पालन करें।
IMD Recent Monsoon Alert – कहां-कहां हो सकती है भारी बारिश?
IMD के अनुसार निम्नलिखित क्षेत्रों में 02 जून से 04 जून के दौरान भारी बारिश की संभावना है:
- पूर्व और मध्य भारत: सुब-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम, मेघालय, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, बिहार, ओडिशा, झारखंड, मध्य प्रदेश, विदर्भ, छत्तीसगढ़।
- उत्तर-पश्चिम भारत: जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान।
- पश्चिमी भारत: कोंकण, गोवा, महाराष्ट्र के तटीय भाग।
- दक्षिण-पश्चिम भारत: केरल, कोच्चि, कर्नाटक का तटीय इलाका, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु का कुछ हिस्सा।
इन जिलों में जलभराव, बाढ़, बिजली गिरने का खतरा और तेज हवा के झोंके आ सकते हैं, जिससे जान-माल को क्षति हो सकती है। नागरिकों को सलाह दी गई है कि वे घर से बेवजह बाहर न निकलें और स्थानीय आपदा प्रबंधन के निर्देशों का अनुसरण करें।
प्रमुख प्रभावित राज्य और संभावित खतरे
- असम एवं मेघालय: लगातार भारी बारिश से नदी तटों पर बाढ़ का खतरा बढ़ा हुआ है। घाटी क्षेत्रों में मिट्टी धसकने की आशंका।
- बिहार, झारखंड, ओडिशा: मध्य मानसून के पहले चरण में अचानक जलस्तर में वृद्धि। सड़क और पुलों पर जलभराव।
- दिल्ली-एनसीआर, पंजाब, हरियाणा: गरज-चमक, ओलावृष्टि, तेज हवाएं। शहर में बिजली गुल होने और ट्रैफिक अटका रहने की संभावना।
- महाराष्ट्र (कोंकण), गोवा: समुद्र किनारे तेज हवाओं के साथ भारी बारिश। मछुआरों को समुद्र में न उतरने की चेतावनी।
- केरल, कर्नाटक तटवर्ती: कहीं-कहीं तेज तूफ़ानी हवाएं, खतरा बने तेज़ समुद्री लहरें।
सरकार और स्थानीय प्रशासन पहले से ही बचाव दल, चिकित्साकर्मी और राहत शिविरों की व्यवस्था कर चुके हैं। यात्रियों, ढुलाई-वाहनों और मछुआरों को विशेष एहतियात बरतने की सलाह दी गई है।
मौसम विभाग की चेतावनी और तैयारी की हकॉम
- IMD का अलर्ट कोड: Yellow/Orange/Red, क्षेत्र के हिसाब से जारी।
- आपातकालीन सेवाएं: इमरजेंसी रेस्क्यू टीम, मेडिकल इकाइयां, एनडीआरएफ, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल सक्रिय।
- यात्राओं पर रोक: जरूरी काम के अलावा यात्रा टालने की सलाह।
- बिजली-पानी बंदी: सुरक्षा के लिए कुछ इलाकों में अस्थायी बिजली कटौती हो सकती है।
- सरकारी शेल्टर होम्स: जिला कलेक्टर कार्यालयों द्वारा मॉनिटर किए जा रहे हैं।
नागरिकों से रिपोर्ट:
- किसी भी आपात स्थिति में 112 पर कॉल करें।
- अपने-अपने मोहल्ले के वॉलंटियर्स और पंचायती राज संस्थाओं से जुड़ें।
खुद को सेफ रखने के तरीके (Anokhe ज़रूरी टिप्स)
- हाई अर्ली अलर्ट पर भरोसा मत करें: IMD बुलेटिन रोज़ाना चेक करें, क्योंकि मौसम बेहद बदलू है।
- संपर्क सूची तैयार रखें: 112, स्थानीय आपदा प्रबंधन, रेड क्रॉस, एनडीआरएफ नंबर फोन में सेव करें।
- हलीमेटेड प्लान बनाएं: घर, पड़ोस, रिश्तेदार—किसी ऊंची जगह का पता पहले से बना लें।
- इमरजेंसी किट (Survival Bag): सूखा खाना (बिस्कुट, नान, दाल-चावल पैक), पानी की बोतलें, टॉर्च, पावर बैंक, प्राथमिक चिकित्सा किट, रेनकोट, दो जोड़ी सूखे कपड़े।
- इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस सुरक्षित करें: अपने फोन, लैपटॉप को ऊंची जगह पर रखें और पावर बैंक चार्ज रखें।
- वाहन रख-रखाव: पानी से बचने के लिए गाड़ी ऊंचे स्थान पर पार्क करें; ड्राइवर लाइसेंस, वाहन कागजात हमेशा साथ रखें।
आने वाले समय की तैयारी (Forecast से आगे)
- भविष्यवाणी पर भरोसा, लेकिन सुनियोजित बचाव: भविष्य में भी ऐसे मौसम उथल-पुथल ला सकते हैं, इसलिए वार्षिक तैयारी का प्लान बनाएं—रसद, पानी, दवाइयां, ज़रूरी कागजात सुरक्षित।
- पड़ोस और समुदाय को जोड़ें: सामूहिक क्वार्टर, गांव-टाउन मीटिंग, वार्ड मीटिंग्स—आपसी तालमेल सफलता की कुंजी है।
- मौसम से सीख: अपने अनुभवों को लिखें, दूसरों के साथ साझा करें।
- शिक्षा और प्रशिक्षण: आपदा प्रबंधन वर्कशॉप, फर्स्ट-एड कोर्स—हर गांव-पड़ोस तक पहुंचाईं।
बारिश और बदलते मौसम का कनेक्शन
जैसे-जैसे क्लाइमेट चेंज तेजी पकड़ रहा है, पारंपरिक मानसून पैटर्न बंट-फटकर नए रूप ले रहे हैं। निश्चित तौर पर:
- मानसून पहले आता है, अचानक रुक जाता है, कभी अत्यधिक बारिश कभी सूखा।
- ग्लोबल वार्मिंग से वाष्पीकरण बढ़ा, जिससे बारिश ज्यादा ज़ोरदार हो गयी।
- पहाड़ी इलाकों में मलबा बहाव और भूस्खलन की घटनाएं बढ़ीं।
इसलिए अब मौसम को निगरानी करने के लिए स्मार्ट सेंसर नेटवर्क, ड्रोन सर्वे और आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस आधारित भविष्यवाणी मॉडल की जरूरत है।
बारिश से पहले ये काम ज़रूर कर लें
- राशन और पानी स्टॉक: घर में कम से कम 3 दिन का भारस्त भोजन और पेयजल रखें।
- बिजली उपकरण बंद रखें: जब बारिश भारी हो, तो मुख्य स्वीच ऑफ करके कॉर्ड्स खींच दें।
- खिड़कियां-दरवाजे सील करें: प्लास्टिक शीट, पेनीट जलरोधक टेप से लीकेज रोकें।
- दूसरा इनपुट: पड़ोस में कच्चे मिट्टी के गड्ढों को कूड़ा खुले में आगे बढ़ने से रोकें।
इमरजेंसी में क्या करना चाहिए
- जलभराव हो तो: तुरन्त ऊँची जगह पर चले जाएँ, घर के ऊपरी हिस्से में शरण लें।
- बाढ़ के दौरान: पारंपरिक नाव का इस्तेमाल, रेस्क्यू टीम मार्गदर्शन।
- बिजली गुल हो जाए: टॉर्च और पावर बैंक से काम चलाएँ, मोबाइल कनेक्ट रखें।
- परिवार से संपर्क: छोटा ग्रुप (व्हाट्सएप/टेलीग्राम) बनाएं, एक-दूसरे की लोकेशन शेयर करें।
- मौसम अपडेट: रेडियो, मोबाइल अलर्ट, टीवी—हर घंटे चेक करें।
- यात्रा टालें: अनावश्यक सफर न करें, विशेषकर आपदा प्रभावित क्षेत्रों में entry न लें।
इमरजेंसी उपाय – जान बचाने के टिप्स
- प्राथमिक चिकित्सा किट: बैंडेज, एंटीसेप्टिक, दर्द-निवारक, एंटीहिस्टामाइन, पेनोंल बफर, जरूरी इंजेक्शन।
- मुश्किल में पड़ें तो: 112 पर कॉल करके एनडीआरएफ, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल को अलर्ट करें।
- घर छोड़ने का समय: पानी दो फीट से ऊपर आया हो तो ऊपर की मंज़िल या नजदीकी सुरक्षित केंद्र पर चले जाएँ।
- बच्चों और बुजुर्गों पर विशेष ध्यान: उन्हें अकेला न छोड़ें, उन्हें लेकर शेल्टर भेजें।
जरूरी इमरजेंसी नंबर
- राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF): 112 (आपात सेवा हेल्पलाइन)
- पुलिस हेल्पलाइन: 100
- फायर ब्रिगेड: 101
- एम्बुलेंस: 102
- स्थानीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण: अपने जिले के कलेक्टर कार्यालय से संपर्क करें
❗ आखिरी सलाह: मौसम को हल्के में न लें। IMD का अलर्ट हर बार सही साबित हुआ है। “जब आसमान गरजे, तब बूँदों को जरा भी नहीं भुलाए।”